!! भगवान गिरिधारी आरती !! जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। दानव-दल-बलहारी, गो-द्विज-हितकारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। जय गोविन्द दयानिधि, गोवर्धन-धारी। वन्शीधर बनवारी ब्रज-जन-प्रियकारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। गणिका-गीध-अजामिल गजपति-भयहारी। आरत-आरति-हारी, जग-मन्गल-कारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। गोपालक, गोपेश्वर, द्रौपदि-दुखदारी। शबर-सुता-सुखकारी, गौतम-तिय तारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। जन-प्रह्लाद-प्रमोदक, नरहरि-तनु-धारी। जन-मन-रञ्जनकारी, दिति-सुत-सन्हारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। टिट्टिभ-सुत-सन्रक्षक रक्षक मन्झारी। पाण्डु-सुवन-शुभकारी कौरव-मद-हारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। मन्मथ मन्मथ मोहन, मुरली-रव-कारी। वृन्दाविपिन-विहारी यमुना-तट-चारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। अघ-बक-बकी उधारक तृणावर्त-तारी। बिधि-सुरपति-मदहारी, कन्स-मुक्तिकारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। शेष, महेश, सरस्वति गुन गावत हारी। कल कीरति-बिस्तारी भक्त-भीति-हारी॥ जय जय गिरिधारी प्रभु, जय जय गिरिधारी। नारायण शरणागत, अति...