!! आरती गजबदन विनायक की !! , !! गणेश जी की आरतीयां
!! आरती गजबदन विनायक की !! आरती गजबदन विनायक की। सुर-मुनि-पूजित गणनायक की॥ आरती गजबदन विनायक की। सुर-मुनि-पूजित गणनायक की || एकदन्त शशिभाल गजानन, विघ्नविनाशक शुभगुण कानन। शिवसुत वन्द्यमान-चतुरानन, दुःखविनाशक सुखदायक की॥ आरती गजबदन विनायक की॥ ऋद्धि-सिद्धि-स्वामी समर्थ अति, विमल बुद्धि दाता सुविमल-मति। अघ-वन-दहन अमल अबिगत गति, विद्या-विनय-विभव-दायककी॥ आरती गजबदन विनायक की॥ पिङ्गलनयन, विशाल शुण्डधर, धूम्रवर्ण शुचि वज्रांकुश-कर। लम्बोदर बाधा-विपत्ति-हर, सुर-वन्दित सब विधि लायक की॥ आरती गजबदन विनायक की॥