om kya hai ॐ क्या है
सनातन धर्म मे ॐ की क्या मान्यता है हिन्दू -संस्कृति में ॐ का उच्चारण अत्यंत पवित्र माना गया है। इस अक्षर का अर्थ है जिसका कभी क्षरण न हो, इसके उच्चारण में अ+उ+म अक्षर आते हैं, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शंकर) का बोध कराते हैं और इनसे तीनों शक्तियों का एक साथ आह्वान होता है। ॐ ही समस्त धमाँ व शास्त्रों का स्त्रोत है। माना जाता है कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में सदा ॐ की ध्वनि गूंजती रहती है। हमारे और आपके हर श्वास से ॐ की ही ध्वनि निकलती है। यही हमारे आपके श्वास की गति को नियंत्रित करता है। हर मंत्र के पहले लगता है ॐ माना गया है कि अत्यन्त पवित्र और शक्तिशाली है ॐ। किसी भी मंत्र से पहले यदि ॐ जोड़ दिया जाए तो वह पूर्णतया शुद्ध और शक्ति-सम्पन्न हो जाता है। किसी देवी-देवता, ग्रह या ईश्वर के मंत्रों के पहले ॐ लगाना आवश्यक होता है! जैसे, श्रीराम का मंत्र - ॐ रामाय नमः , विष्णु का मंत्र - ॐ विष्णवे नमः , शिव का मंत्र - ॐ नमः शिवाय , प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि ॐ लगाए बिना किसी भी मंत्र का जप करने से उस जप का फल नहीं मिलता , चाहे उसका कितना भी जाप हो। मंत्र ...