!! भगवान नटवर आरती !! , !! नन्द-सुवन जसुमतिके लाला !! , !! श्री कृष्ण जी की आरतीयां !!



!! भगवान नटवर आरती !!


















नन्द-सुवन जसुमतिके लाला,

गोधन गोपी प्रिय गोपाला।

देवप्रिय असुरनके काला,

मोहन विश्वविमोहन वर की॥



आरती कीजै श्रीनटवर जी की।

गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥




जय वसुदेव-देवकी-नन्दन,

कालयवन-कन्सादि-निकन्दन।

जगदाधार अजय जगवन्दन,

नित्य नवीन परम सुन्दर की॥




आरती कीजै श्रीनटवर जी की।

गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥




अकल कलाधर सकल विश्वधर,

विश्वम्भर कामद करुणाकर।

अजर, अमर, मायिक, मायाहर,

निर्गुन चिन्मय गुणमन्दिर की॥




आरती कीजै श्रीनटवर जी की।

गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥




पाण्डव-पूत परीक्षित रक्षक,

अतुलित अहि अघ मूषक-भक्षक।

जगमय जगत निरीह निरीक्षक,

ब्रह्म परात्पर परमेश्वर की॥




आरती कीजै श्रीनटवर जी की।

गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥




नित्य सत्य गोलोकविहारी,

अजाव्यक्त लीलावपुधारी।

लीलामय लीलाविस्तारी,

मधुर मनोहर राधावर की॥




आरती कीजै श्रीनटवर जी की।

गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥




आरती कीजै श्रीनटवर जी की,

गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥




आरती कीजै श्रीनटवर जी की,

गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥




आरती कीजै श्रीनटवर जी की।




गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥

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