!! श्री राम रघुपति आरती !! , !! बन्दौं रघुपति करुना निधान !! , !! श्री राम जी की आरतीयां !!



!! श्री राम रघुपति आरती !!


















बन्दौं रघुपति करुना निधान।

जाते छूटै भव-भेद ग्यान॥



रघुबन्स-कुमुद-सुखप्रद निसेस।

सेवत पद-पन्कज अज-महेस॥



निज भक्त-हृदय पाथोज-भृन्ग।

लावन्यबपुष अगनित अनन्ग॥



अति प्रबल मोह-तम-मारतण्ड।

अग्यान-गहन- पावक-प्रचण्ड॥



अभिमान-सिन्धु-कुम्भज उदार।

सुररन्जन, भन्जन भूमिभार॥



रागादि- सर्पगन पन्नगारि।

कन्दर्प-नाग-मृगपति, मुरारि॥



भव-जलधि-पोत चरनारबिन्द।

जानकी-रवन आनन्द कन्द॥



हनुमन्त प्रेम बापी मराल।

निष्काम कामधुक गो दयाल॥



त्रैलोक-तिलक, गुनगहन राम।

कह तुलसिदास बिश्राम-धाम॥

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